Vastu Tips: वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के मुख्य द्वार को positive energy के लिए मुख्य स्थान माना जाता है। इसे ‘वास्तु पुरुष’ का द्वार कहा जाता है, जिसमें positivity and prosperity की energy प्रवाहित होती है। इसलिए, इसे किसी भी प्रकार की chaos or negative energy के source से दूर रखना महत्वपूर्ण होता है।
Main door पर कुछ architectural solutions अपनाए जा सकते हैं जो positive energy को बढ़ावा देते हैं। पहले, main door पर कभी भी सूखे पौधे या पौधे की विविधता न रखें। यह वास्तुशास्त्र में मान्यता है कि सूखे पौधे negative energy को आकर्षित करते हैं और घर के लिए अशुभ होते हैं। दूसरे, main door के पास अव्यवस्था नहीं होनी चाहिए। इसके लिए, द्वार के आसपास की सफाई और संज्ञानशीलता का ध्यान रखें।
इसके अलावा, main door पर किसी भी रूप में अव्यवस्था नहीं होनी चाहिए। इसलिए, यहाँ कोई भी अव्यवस्थित या अव्यवस्थित वस्तु नहीं रखनी चाहिए। ध्यान देने वाली बात है कि main door के सामने कोई भी दीवार या बड़े पेड़-पौधे नहीं होने चाहिए, क्योंकि ये positive energy के प्रवाह को बाधित कर सकते हैं।
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Positive energy के प्रवाह को बढ़ावा देने के लिए, मुख्य द्वार के आसपास की साफ-सफाई, सुंदरीकरण, और समर्पितता का ध्यान रखें। इससे न केवल आपके घर में सकारात्मकता की ऊर्जा का प्रवाह बढ़ेगा, बल्कि आपकी जीवन में भी समृद्धि और सौभाग्य की ऊर्जा आएगी।
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आइए सात ऐसी वस्तुओं के बारे में विस्तार से जानें जिन्हें तुरंत अपने मुख्य द्वार से हटा देना चाहिए।
खाली बर्तन
Main door के पास खाली बर्तन या container रखना वास्तुशास्त्र के अनुसार negative energy को आकर्षित कर सकता है और समृद्धि और सौभाग्य के प्रवाह को बाधित कर सकता है। वास्तुशास्त्र में माना जाता है कि खाली बर्तन या container ऊर्जा की संचार को रोक सकते हैं और घर में negative energy को जमा कर सकते हैं। इसलिए, मुख्य द्वार के पास ऐसी वस्तुओं को नहीं रखना चाहिए।
यह नहीं केवल वास्तुशास्त्र की मान्यता है, बल्कि यह भी वैज्ञानिक रूप से समर्थित है। भौतिकीय रूप से भी, खाली बर्तन या container ऊर्जा की प्रवाह को बाधित कर सकते हैं और घर के positive energy को बाहर रोक सकते हैं। मुख्य द्वार के पास खाली बर्तन रखने से घर में negative energy का प्रवाह हो सकता है। यह बाधा पूरे घर में समृद्धि और सौभाग्य की ऊर्जा को भंग कर सकती है।
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इससे बचने के लिए, main door के पास किसी भी समय खाली बर्तन न रखें। इसके बजाय, वहां आकर्षक और प्रेरक वस्तुएं रखें जो सकारात्मकता को बढ़ावा दें और समृद्धि की ऊर्जा को बढ़ावा दें। यह आपके घर में positive energy को बढ़ावा देगा और सुख-शांति का माहौल बनाए रखेगा।
देवी-देवताओं की टूटी हुई मूर्तियाँ
Main door पर देवता की टूटी हुई मूर्ति रखना वास्तुशास्त्र में अनुशंसित नहीं है, क्योंकि ऐसा करने से देवता नाराज हो सकते हैं और घर में दुर्भाग्य आ सकता है। मान्यता है कि देवता की मूर्ति को टूटे हुए रखना उनके समर्पण में असमर्थता का प्रतीक होता है और उन्हें खुश नहीं करता।

इसलिए, यह आवश्यक है कि जो भी मूर्ति हम अपने घर में स्थापित करते हैं, उन्हें सही स्थिति में रखें और उनका उचित ध्यान रखें। अगर किसी मूर्ति में टूटाव हो गया है, तो उसे उत्सवी रूप में नष्ट करना उचित होता है और उसकी स्थानांतरण करनी चाहिए। इस रूप में, आप देवताओं के प्रति समर्पण का उचित ध्यान रखकर घर के माहौल को सकारात्मक बना सकते हैं और सौभाग्य को बढ़ावा दे सकते हैं।
Dirty Doormat
Main door पर dirty doormat न केवल गन्दा दिखता है, बल्कि यह घर में negative emotions को भी आकर्षित कर सकता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर की positivity को बनाए रखने में साफ-सफाई की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। Doormat एक ऐसा item है जो घर के प्रवेश द्वार पर सीधे प्रभाव डालता है।
Dirty doormat देखने वाले को negative emotions उत्पन्न कर सकती हैं, जैसे कि अस्वच्छता, उदासी, और असहयोग। इससे घर की positivity पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। अपने doormat को साफ रखने से न केवल उसकी उपयोगिता बढ़ती है, बल्कि घर के माहौल में भी positivity का आनंद आता है। साफ doormat उपयोगकर्ताओं को आकर्षित करता है और उन्हें एक स्वागतपूर्वक अनुभव प्रदान करता है।
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समय-समय पर doormat को बदलना भी महत्वपूर्ण है। लंबे समय तक उपयोग किया जाने वाला doormat फट जाता है और उसका प्रभाव भी कम हो जाता है। इसलिए, नियमित अंतरालों पर doormat को बदलना चाहिए ताकि घर की सकारात्मकता और स्वागत का माहौल सदैव बना रहे।
छाता खुला न छोड़े
वास्तु शास्त्र के अनुसार, प्रवेश द्वार के पास खुला छाता घर में अनिवार्य रूप से परेशानियाँ और कठिनाइयों को आ सकता है। छाता के खुले रहने से आकर्षित होने वाली ऊर्जा अनिवार्य रूप से प्रवेश द्वार के ऊपर से ही गुजरती है, जो नकारात्मक और अशुभ ऊर्जा को आमंत्रित करती है। इससे घर में विवाद, अस्थिरता और अप्रियता का माहौल बन सकता है।

इससे बचने के लिए, अपने छाते को खुली जगह या बालकनी में सुखाना बेहतर होता है। इससे न केवल छाते की उम्र बढ़ती है, बल्कि यह भी सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बनाए रखता है। साथ ही, इससे प्रवेश द्वार के आसपास की नकारात्मक ऊर्जा को भी रोका जा सकता है। इस तरीके से, घर में शांति, सकारात्मकता, और सुख-शांति का माहौल बना रहता है।
टूटा हुआ या अधूरा furniture
मुख्य द्वार पर टूटा हुआ या अधूरा furniture रखने से वास्तु दोष उत्पन्न हो सकता है, जो आर्थिक परेशानियों का कारण बन सकता है। ऐसे furniture को अपने मुख्य द्वार पर रखने के बजाय उसकी मरम्मत करना या त्यागना बेहतर है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, टूटा हुआ furniture negative energy को आकर्षित कर सकता है, जिससे घर में आर्थिक और परिवारिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसलिए, समस्या को सुलझाने के लिए उस furniture की मरम्मत की जा सकती है या उसे निकाल दिया जा सकता है।

मुरझाए हुए और सूखे पौधे रखने से बचें
पौधे positive energy का महत्वपूर्ण स्रोत होते हैं, लेकिन मुरझाए या सूखे पौधे वास्तविकता में उनका प्रभाव उलटा होता है। वास्तु के अनुसार, मुख्य द्वार के पास मुरझाए हुए पौधे नहीं रखने चाहिए, क्योंकि यह दुख और संकट को आमंत्रित कर सकते हैं। अपने पौधों की देखभाल करना और मरने वाले पौधों को ताजे, हरे पौधों से बदलना महत्वपूर्ण है। इससे घर में positivity का माहौल बना रहता है और पौधों की सक्रियता से पूरे घर में प्रभावी positive energy का प्रवाह होता है।
Wall Clock
Main door पर लगी wall clock भी दुर्भाग्य ला सकती है। वास्तु शास्त्र में माना जाता है कि प्रवेश द्वार पर wall clock लगाने से जीवन में बुरा समय आ सकता है। इसलिए wall clock को मुख्य द्वार की बजाय living room or drawing room में टांगने की सलाह दी जाती है। इससे घर की positivity और सुख-शांति बनी रहती है। Wall clock को सही स्थान पर टांगने से न केवल उसकी उपयोगिता बढ़ती है, बल्कि यह भी वास्तुशास्त्रियों के अनुसार घर की positivity को बढ़ावा देता है और परिवार के सदस्यों को शांति और सुख का अनुभव कराता है।

ये कुछ सामान्य दिशानिर्देश हैं, लेकिन आपके घर की संरचना और दिशा के आधार पर व्यक्तिगत सलाह के लिए वास्तु विशेषज्ञ से परामर्श करना हमेशा फायदेमंद होता है। वास्तु विशेषज्ञ आपको आपके घर के वास्तुशास्त्र के अनुसार उपाय बताकर positive energy को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं। वे आपके घर की स्थिति, रचना और वास्तु गुणों का मूल्यांकन करके उपयुक्त सलाह प्रदान करेंगे। याद रखें, positive energy से भरा घर ही खुशहाल घर होता है!
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