Shani Dev: कुंडली में शनि की इस दशा के होने पर बढ़ने लगते हैं खर्चे, जानिए कैसे करें बचाव1 min read

Shani Dev
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Shani Dev के प्रति भक्ति और उनकी कृपा को प्राप्त करने के लिए कुछ उपाय हैं जो व्यक्ति अपना सकता है। पहले तो, Shani Dev की पूजा करना एक प्रमुख उपाय है। Shani Dev की पूजा करते समय उपयुक्त मंत्रों और श्लोकों का पाठ करना चाहिए, जैसे कि शनि मंत्र या शनि चालीसा। इसके अलावा, शनिवार को नीले रंग के कपड़े पहनने, शनि देव के लिए निवेदन किया जाना, और Shani Dev की श्रीशनि देव आरती का पाठ करना भी उपयोगी है।

दूसरा उपाय है कर्मकांड या दान। शनि देव की कृपा प्राप्त करने के लिए व्यक्ति को दुष्ट्रा और उन्मत्तता से दूर रहना चाहिए और उनके लिए दान करना चाहिए। Shani Dev के उपासन के लिए तिल, अंजीर, ऊरद दाल, बाजरे का आटा, शनि के धातु से बने उपकरण और काला घोड़ा आदि दान किया जाता है।

इसके अतिरिक्त, कुंडली में शनि की दशा लगने पर व्यक्ति को ध्यान और जागरूकता बनाए रखना चाहिए। शनि की दशा में, व्यक्ति को संयम, त्याग, और ध्यान के साथ काम करने की आवश्यकता होती है। उन्हें अपने कर्मों को सच्चाई और न्याय के मार्ग पर चलाना चाहिए। इन उपायों को अपनाकर व्यक्ति Shani Dev के प्रति भक्ति और श्रद्धा रखते हुए उनकी कृपा को प्राप्त कर सकता है और अपने जीवन में समृद्धि और खुशहाली की प्राप्ति कर सकता है।

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आती हैं ये दिक्कतें

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब किसी जातक की कुंडली में शनि ग्रह बैठता है, तो उसे शनि की दशा के दौरान कई प्रकार की संघर्षों का सामना करना पड़ता है। शनि की गोचर या ग्रहण के दौरान, व्यक्ति को साढ़ेसाती या ढैय्या जैसी दशाओं का सामना करना पड़ सकता है। इन दशाओं के दौरान, जातक को विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

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साढ़ेसाती के दौरान, शनि ग्रह व्यक्ति के जीवन में विभिन्न क्षेत्रों में चुनौतियों का सामना कराता है। यह दशा लगभग सात वर्ष तक चलती है और इसके दौरान व्यक्ति को स्वास्थ्य, वित्त, परिवारिक संबंध, और करियर में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। विवाह में भी अड़चनें आ सकती हैं और बेवजह के खर्चे भी बढ़ सकते हैं। इस दशा के दौरान, व्यक्ति को संयम और धैर्य के साथ काम करना पड़ता है ताकि वह समस्याओं का सामना कर सके।

शनि दोष या साढ़ेसाती के प्रभाव को कम करने के लिए कुछ उपाय हैं जिन्हें ज्योतिषाचार्यों द्वारा सुझाया जाता है। इनमें ध्यान, ध्यान, और श्रद्धा के साथ Shani Dev की पूजा करना, शनि मंत्र जपना, और शनि देव के उपासना करना शामिल है। इन उपायों को अपनाकर व्यक्ति शनि के दोष को कम कर सकता है और अपने जीवन में स्थिरता और समृद्धि की प्राप्ति कर सकता है।

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ये उपाय करें

शनिवार को Shani Dev के प्रति भक्ति और समर्पण का विशेष महत्व है। Shani Dev को सरसों का तेल अर्पित करने से शनि दोष से बचाव होता है। यह एक प्राचीन परंपरा है जिसमें सरसों के तेल को शनिदेव के नाम पर अर्पित किया जाता है। इस रीति-रिवाज में, व्यक्ति शनिवार को पीपल के वृक्ष के नीचे जाकर सरसों के तेल का दीपक जलाता है और वृक्ष की परिक्रमा करता है।

यह प्रक्रिया शनिवार को अनुष्ठान की जाती है, जो शनि दोष से मुक्ति प्रदान करने में सहायक होता है। इस उपाय से व्यक्ति को शनि के अनुकूलता में स्थायित्व मिलता है और उनकी संघर्षों को कम करने में मदद मिलती है। साथ ही, इससे शनि द्वारा उत्पन्न होने वाले बुरे प्रभावों का समाप्ति होती है और व्यक्ति के जीवन में स्थिरता और सुख-शांति का आभास होता है।

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ऐसे करें बचाव

शनि के दोष को कम करने के लिए विभिन्न परंपरागत उपायों को अपनाया जाता है। एक प्रमुख उपाय में घोड़े की नाल से बना छल्ला है। यह छल्ला व्यक्ति के बीच की अंगुली में धारण किया जाता है, जो शनि के दोष को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा, आवश्यकतामंद और गरीब लोगों को अनाज, वस्त्र, आदि की दान की जरूरत होती है। इससे शनि के दोष को कम किया जा सकता है और व्यक्ति को शनि के प्रभावों से रक्षा मिलती है।

शनिवार के दिन उड़द की खिचड़ी का भी बांटना एक अच्छा उपाय है। उड़द को शनि का प्रिय फल माना जाता है और इसका सेवन शनि के दोष को कम करने में मदद कर सकता है। उड़द की खिचड़ी को विभिन्न विधियों से बनाया जा सकता है और उसे गरीबों के बीच बांटना शनिवार के उपायों में से एक है। यह व्यक्ति को समृद्धि, सुख, और समृद्धि के लिए शनि की कृपा प्राप्त करने में मदद करता है। इन सभी उपायों को नियमित रूप से अपनाकर, व्यक्ति शनि के दोष को कम कर सकता है और अपने जीवन में स्थिरता और समृद्धि का आनंद उठा सकता है।

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बनी रहेगी Shani Dev की कृपा

शनिवार को अपनाए जाने वाले उपायों में भगवान हनुमान की पूजा का विशेष महत्व है। शनिवार के दिन हनुमान जी की पूजा करने से शनि के बुरे प्रभावों से लड़ा जा सकता है। पूजा के बाद हनुमान चालीसा का पाठ करना भी उत्तम माना जाता है, क्योंकि यह शनि के दोषों को नष्ट करता है और व्यक्ति को संरक्षा प्रदान करता है।

विधि के अनुसार, शनिवार के दिन भगवान शिव को काले तिल चढ़ाना चाहिए। यह भी शनि के प्रभाव को कम करने में सहायक होता है। साथ ही, विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ भी किया जाना चाहिए, क्योंकि इससे शनि की कृपा और अनुग्रह प्राप्त होता है। ये सभी उपाय व्यक्ति को शनि के दोषों से मुक्ति प्रदान करते हैं और उन्हें स्थिरता, समृद्धि, और सुख के लिए शनि की कृपा प्राप्त होती है।

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