Ramayana से जुड़े ऐसी बाते जिसे आप नहीं जानते होंगे…!!!1 min read

Ramayana
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Ramayana: Hindu religion में रामायण, महाभारत और गीता को सबसे पवित्र ग्रन्थ माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जो इंसान इन तीनो ग्रंथो को पढ़कर अच्छे से समझता है तो उसे उसके life के सारे problems के जबाब मिल जाते है। रामायण में श्रीराम ने बताया कि अपने परिवार के मान के लिए अगर वनवास भी जाना पड़े तो जरूर जाना चाहिए।

Ramayana से हम कई सारी चीज़े सीख सकते है। Ramayana हमें मर्यादा, सहनशक्ति और धर्म के स्थापना के लिए किसी भी हद तक जाने की शिक्षा देती है। हम में से कई सारे लोगो ने रामायण पढ़ी, सुनी या देखी होगी but इससे जुड़े कई सारे facts ऐसे है जिसे बहुत ही कम लोग जानते है। आज हम उन सभी बातो को जानने की कोशिश करेंगे।

ऐसा माना जाता है कि original Ramayana की रचना ऋषि वाल्मीकि ने की गई थी, but कई अन्य संतों और वेद पंडितों जैसे- तुलसीदास, संत एकनाथ इत्यादि ने भी इसके अन्य संस्करणों की रचना की हैl हालांकि हर संस्करण में अलग-अलग तरीके से कहानी का वर्णन किया गया है, but इसका मूल रूपरेखा एक ही हैl ऐसा माना जाता है कि रामायण की घटना 4th and 5th BCE की हैl

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Unknown facts about Ramayana

Hindu religion के epics में ऐसे कई सारे unknown facts है। बात अगर Ramayana कि की जाये तो इसमें भी कई सारे facts है जिससे हम अंजान है।

Ramayana से बना है गायत्री मंत्र

गायत्री मंत्र तो हम सबने सुना ही होगा। इस मंत्र को हिन्दुओ के लिए सबसे powerful मंत्रो में से एक माना जाता है। But इस मंत्र के बारे में एक ऐसी बात है जिसे बहुत ही कम लोग जानते है। Valmiki Ramayana and गायत्री मंत्र में एक बहुत ही खास रिश्ता है। Valmiki Ramayana में 24000 श्लोक है और गायत्री मंत्र में 24 अक्षर है। Ramayana के हर 1000 श्लोक के बाद आने पहले पहले अक्षर से गायत्री मंत्र बना है।

भगवान राम की एक बहन भी थी

बहुत ही कम लोगों को ये पता है कि लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के अलावा भगवान राम की शांता नाम की एक बहन भी थी। ऐसा माना जाता है कि एक बार अंगदेश के राजा रोमपद और उनकी रानी वर्षिणी अयोध्या आए। उनको कोई भी संतान नहीं थी। बातचीत के दौरान राजा दशरथ को जब यह बात पता चली तो उन्होंने कहा, मैं अपनी बेटी शांता आपको संतान के रूप में दूंगा l यह सुनकर रोमपद और वर्षिणी बहुत खुश हुए। उन्होंने बहुत प्यार से उसका पालन-पोषण किया और माता-पिता के सभी कर्तव्य निभाए।

लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न किनके अवतार थे ?

ये तो हम सब जानते ही है कि भगवान राम, विष्णु के 6th अवतार थे और लक्ष्मण शेषनाग के अवतार थे but भरत और शत्रुघ्न के बारे में बहुत ही कम लोग जानते है। भरत को सुदर्शन चक्र और शत्रुघ्न को शंख – शैल का अवतार माना जाता है।

लक्ष्मण का नाम गुडाकेश क्यों पड़ा ?

अपने वनवास के पहले रात में जब श्रीराम और माता सीता सो रही थी और लक्ष्मण बाहर पहरा दे रहे थे तो उस समय निद्रादेवी उनके सामने आई तो लक्ष्मण ने उनसे request कि की उन्हें ऐसा वरदान दे जिससे की वो वनवास के दौरान पुरे 14 सालो तक नींद न आये। इस बात को सुनकर निद्रादेवी ने कहा कि अगर उनके जगह कोई और 14 सालों तक सोये रहे तो ये वरदान मिल सकता है। तब लक्ष्मण की पत्नी उर्मिला ने इस बात को मान लिया और पुरे 14 सालो तक सोती रही। लक्ष्मण ने 14 सालो तक एक भी बार सोये नहीं जिस वजह से उन्हें गुडाकेश कहा जाने लगा।

Valmiki Ramayana में लक्षमण रेखा नहीं है

अगर आपने रामायण के बारे में सुना है तो आपने लक्ष्मण रेखा के बारे में भी जरूर सुना होगा जिसे लक्ष्मण ने माता सीता के रक्षा के लिए उनके झोपडी के चारो ओर खींची थी। But इस बारे में न तो Valmiki Ramayana में कोई जिक्र है और न ही रामचरितमानस में लेकिन रामचरितमानस के लंकाकांड में रावण की पत्नी मंदोदरी ने इस बात का जिक्र जरूर किया है।

रावण एक शानदार वीणा वादक भी था

अगर आपने ध्यान से देखा तो रावण के ध्वज में वीणा की तस्वीर है। रावण एक बहुत ही विद्वान था और सारे वेदो का ज्ञाता भी था। भगवान शिव के सबसे बड़े भक्त होने के साथ साथ रावण एक बहुत ही शानदार वीणा वादक भी था जिसके बारे में बहुत ही कम लोग जानते है but रावण अपने इस skill को ज्यादा importance नहीं देता था।

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इंद्र के वजह से कुम्भकर्ण को मिला सोने का श्राप

कुम्भकर्ण के बारे में हम सभी ये जानते है की वो 6 महीने तक सोता रहता था but इसके पीछे की असली वजह बहुत ही कम लोग जानते है। कुम्भकर्ण ब्रह्मदेव का बहुत बड़ा भक्त था और एक बार उन्हें खुश करने के लिए कुम्भकर्ण ने कठिन तप किया। तब उसके तप से डरकर इंद्रदेव को ऐसा लगने लगा कि कही कुम्भकर्ण इन्द्रासन न मांग ले। इसी डर से इंद्रदेव ने माता सरस्वती ने विनती की वो कुम्भकर्ण के जीभ पर विराजमान हो जाये और जैसे ही कुम्भकर्ण वर मांगने लगे आप निद्रासन का उच्चारण करवा दे। इसी वजह से कुम्भकर्ण को 6 महीने तक लगातार सोने का श्राप मिला था।

अपनी मौत के बारे में रावण जानता था

जब रावण ने माता सीता का हरण करके उन्हें लंका लाया था तभी से रावण के सारे भाईयों ने उसे समझाया की वो माता सीता को सम्मान के साथ लौटा दे। इस बात पर रावण ने कहा अगर राम लक्ष्मण साधारण मनुष्य है तो वो मुझे नहीं मार सकते but अगर वो दोनों कोई देवता हैं तो मैं उनके हाथो मोक्ष को प्राप्त करना चाहूंगा।

Conclusion

इन सभी facts के अलावा और भी ऐसे कई सारी बातें है जिन्हे बहुत ही कम लोग जानते है जैसे की माता सीता, जनक की पुत्री नहीं थी, श्रीराम ने अपने सबसे प्यारे भाई लक्ष्मण को मृत्युदंड दिया था और माता सीता के पृथ्वी में समा जाने के बाद श्रीराम ने सरयू में डुबकी लगाकर इस अपना शरीर त्याग किया था। इसके अलावा ऐसे और भी facts है जिन्हे एक blog में cover कर पाना मुश्किल है। अगर आपको ये blog पसंद आया हो तो comment के through हमें जरूर बताये।

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