क्या आप Kamakhya Temple के इस mystery को जानते है ?2 min read

Kamakhya Temple
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असम के गुवाहाटी में नीलाचल पहाड़ियों के शीर्ष पर स्थित Kamakhya Temple एक Spiritual and Cultural Center के रूप में प्रमुख है। यह मंदिर न केवल Indian culture का symbol है, बल्कि इसके पीछे छिपे Mysterious History and Mythology की invaluable heritage को भी प्रकट करता है।

Kamakhya Temple का history unique है। इसके संबंध में कई कथाएं हैं, जो इसे mysterious and deep बनाती हैं। इसे Goddess Kamakhya के dedicate माना जाता है, जो Hindu Religion में एक महत्वपूर्ण देवी हैं। मान्यता है कि यहां Goddess Kamakhya की योनि स्थित है, जो एक ancient and sacred sites के रूप में मानी जाती है। मंदिर की स्थापना का time and reason भी mysterious हैं, लेकिन यह religious and spiritual activities का important center बन चुका है। यहां Hindu Religion के विभिन्न पर्व और उत्सव मनाए जाते हैं, जो स्थानीय और दूसरे क्षेत्रों से आने वाले श्रद्धालुओं को आकर्षित करते हैं।

इसके अलावा, Kamakhya Temple एक Historical and cultural sites के रूप में भी महत्वपूर्ण है। यह स्थल Hindu Religion के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र है। इसकी Grand architecture and beautiful carvings भी लोगों का मन मोह लेती है। कामाख्या मंदिर Indian culture, spirituality and mythology की priceless heritage को सजीव रूप में प्रस्तुत करता है।

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Kamakhya Temple के पीछे की कहानी

भगवान शिव की पत्नी देवी सती का एक रूप, माँ कामाख्या या माँ कामेश्वरी, Indian cultural stream में एक प्रमुख देवी हैं। उन्हें “इच्छा की देवी” के रूप में माना जाता है, जिनकी कृपा से जीवन में इच्छाओं की पूर्ति होती है। माँ कामाख्या मंदिर असम में स्थित है, जो एक प्रमुख श्रद्धा स्थल है और 51 शक्तिपीठों में से एक है। यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए यह एक पवित्र स्थान है जहां वे माँ कामाख्या की कृपा प्राप्त करते हैं।

ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे स्थित माँ कामाख्या मंदिर में हर साल June में एक unique phenomenon देखने को मिलती है। इस समय नदी का पानी लाल हो जाता है, जिसे “लाल अंबुबाची” कहा जाता है। इस घटना के बाद, माँ कामाख्या के मंदिर में एक भव्य उत्सव, अंबुबाची मेला, मनाया जाता है। इस मेले में लाखों श्रद्धालु आते हैं और माँ कामाख्या के आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करते हैं।

माँ कामाख्या को रक्तरंजित देवी के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इसे मान्यता है कि उनकी योनि मंदिर के प्रांगण में स्थित है, जो एक प्रमुख mythological and religious belief है। कहा जाता है कि माँ कामाख्या का menstruation होता है, और इसी कारण नदी के पानी का रंग लाल हो जाता है।

नदी के लाल होने के पीछे कोई scientific evidence नहीं है, लेकिन religious and mythological beliefs के अनुसार, इसके पीछे deep religious significance है। Ancient texts के अनुसार, देवी सती का अपने पति भगवान शिव से विवाद हुआ था और वे अपने पिता के द्वारा कराये जा रहे यज्ञ में चली गईं। यज्ञ में भगवान शिव का अपमान होता देख देवी सती ने उसी यज्ञ के आग में कूद कर अपना शरीर त्याग दिया। देवी सती का जलता हुआ शरीर लेकर भगवान शिव गुस्से में तांडव करने लगे तो सभी देवताओ ने भगवान विष्णु से इस तांडव को रोकने के लिए निवेदन किया। भगवान विष्णु ने अपने चक्र से देवी सती के शरीर को क्षत विक्षत कर दिया और अलग अलग स्थानों पर उनके अलग अलग शरीर के अंग गिरे। इन्ही में से देवी सती की योनि इस स्थान पर गिरी।

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इसके परिणामस्वरूप, उनका पूरा शरीर ब्रह्मपुत्र नदी में बह गया और नदी का पानी लाल हो गया। यह घटना माँ कामाख्या के मंदिर के प्रति लोगों के भक्ति और श्रद्धा को और भी मजबूत करती है। माँ कामाख्या का मंदिर एक Historical and religious places है, जो लाखों श्रद्धालुओं को अपनी शक्ति और कृपा के लिए प्रार्थना करने का अवसर प्रदान करता है। इसकी Deep religious and mythological stories हमें हमारी Culture and religious heritageके प्रति आदर्शों को समझने में मदद करती हैं।

नदी का पानी लाल होने के पीछे scientific explanation क्या है ?

कामाख्या मंदिर के आस-पास की natural characteristics के कारण नदी का पानी लाल हो जाता है, इसमें कई कारण हो सकते हैं। पहला कारण है कि इस क्षेत्र की मिट्टी में iron element प्रचुर मात्रा में है, जो पानी को खून जैसा लाल रंग देता है। यह natural properties नदी को एक विशेष रंग देता है।

दूसरा कारण हो सकता है कि कामाख्या मंदिर पहाड़ों में स्थित है, जहां cinnabar (Mercury Sulphide) का एक बड़ा भंडार है जो इसे लाल रंग देता है। इस natural substance के प्रभाव से नदी का पानी भी लाल हो जाता है। कामाख्या मंदिर के आस-पास से collected rocks stone आमतौर पर कामिया सिन्दूर के नाम से बेचे जाते हैं। इस सिन्दूर के use से लोगों का मानना है कि यह उनके मन को वश में करने में able होता है, इसलिए इसे वशीकरण सिन्दूर भी कहा जाता है। इसे spiritual purposes के लिए भी use किया जाता है, और माना जाता है कि इससे कई लाभ प्राप्त होते हैं।

इन सभी कारणों के बावजूद, ब्रह्मपुत्र नदी जून महीने में केवल तीन दिन के लिए ही लाल होती है, यह अभी भी एक mystery है। भक्तों का मानना है कि यह देवी कामाख्या का अद्भुत जादू है, जो इस अद्वितीय घटना के पीछे है। इस रहस्य को समझने के लिए हमें और अधिक अध्ययन की आवश्यकता है।

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The Bleeding Goddess

कामाख्या मंदिर के एक रोचक पहलू में देवी के menstruation में विश्वास है। Local Folktales के अनुसार, मंदिर के गर्भगृह में देवी की पत्थर की छवि जून में मनाए जाने वाले त्योहार अंबुबाची मेले के दौरान हर साल menstruation का अनुभव करती है। इस अनूठे अनुष्ठान ने various interpretations को जन्म दिया है, कुछ लोग इसे एक natural geological phenomenon मानते हैं, जबकि अन्य इसे divine feminine energy and cosmic order के साथ earth’s cycles के Interrelationship का deep representation मानते हैं।

इस विशेष घटना के पीछे कई concepts and traditional beliefs हैं। इस मेले के दौरान यह माना जाता है कि पृथ्वी पर creative energy का renewalहोता है, जो देवी के powerful aspect का प्रतीक है। यह धारणा भक्तों के spiritual and spiritual experiences का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और उनके श्रद्धालुता को और भी मजबूत करता है।

इस घटना को कुछ लोग physical approach से भी देखते हैं, जैसे कि इसके पीछे natural causes हो सकते हैं। हालांकि, इसका विश्वास किया जाता है कि इसमें divine and spiritual अर्थ है, जो मानव जीवन और पृथ्वी के संबंध को गहराई से समझने में मदद करता है।

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