Dashavatar: कब और किन रूपों में भगवान विष्णु ने अवतार लिया ?3 min read

Dashavatar
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Dashavatar: हिन्दू धर्म में कई सारे देवी देवताओ को माना और पूजा जाता है। इन सभी में त्रिदेव यानि ब्रह्मा, विष्णु और महेश का खास महत्त्व है। भगवान विष्णु को इस दुनिया का पालनहार और जगतपिता के रूप में जाना है। ऐसा माना जाता है की जब जब इस दुनिया पर पाप बढ़ता है तो भगवान विष्णु अवतार लेकर आते है और इस दुनिया को balance करते है।

भगवान विष्णु ने अब तक कुल 9 अवतार लिए है और ऐसा माना जाता है की उनका 10th और last अवतार अब तक नहीं आया है। उनका पहला अवतार मतस्य था और उनका आखिरी अवतार कल्कि होगा। आज हम भगवान विष्णु के Dashavatar के बारे में पूरी बात जानेंगे।

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भगवान विष्णु के Dashavatar

Matsya Avatar

काफी समय पहले हयग्रीव नाम का एक राक्षस था जिसने ब्रह्मा जी से सारे वेद चोरी करके उन्हें समुद्र की गहराई में छिपा दिया था। वेदो के न होने से सारी दुनिया उथल पुथल होने लगी थी। तब इस दुनिया को बचाने के किये भगवान विष्णु ने एक मछली के रूप अपना पहला अवतार लिया और समुद्र की गहराईओं से वेदो को निकाल कर इस दुनिया को बचाया था।

Kurma Avatar

जब लक्ष्मी जी एक एक श्राप के वजह से बैकुंठ छोड़कर धरती की गहराई में चली गई थी। इस वजह से सारे देवी देवताओ का यश ख़त्म होने लगा तब सारे देवी देवताओ ने जगतपिता नारायण से प्रार्थना कि की वो इस दुनिया को बचाये। जब भगवान विष्णु ने सारे देवी देवताओ को बताया की हमें समुद्र का मंथन करना होगा।

मंथन की बात सुनकर सारे देवी देवता इस सोच में पड़ गए की इतने विशाल समुद्र का मंथन कैसे होगा। तब नारायण ने उन्हें बताया की मंदार ही वो पर्वत है जिससे समुद्र का मंथन होगा। इसके लिए सारे देव और असुर को एक होना होगा। लेकिन मंथन के लिए इतनी बड़ी रस्सी कैसे मिलेगी ये सोचकर सारे देवता फिर से परेशान होने लगे तभी महादेव ने अपने सांप वासुकि को रस्सी के रूप में दे दिया।

But मंदार का वजन इतना ज्यादा था की वो समुद्र में नीचे धँसता जा रहा था। जब नारायण ने सभी को बताया की अब मेरे एक अवतार का समय आ गया है वो कछुए का रूप धारण करके इस विशाल मंदार को अपनी पीठ पर धारण कर लिया।

Varaha Avatar

भगवान विष्णु का तीसरा अवतार वराह था। जब हिरण्याक्ष ने पृथ्वी को समुद्र की गहराई में छिपा दिया तो भगवान विष्णु ने एक वराह का अवतार लेकर हिरण्याक्ष का वध करके पृथ्वी को अपने सींग पर लेकर इस पृथ्वी को बचाया।

Narasimha Avatar

पुराणों के अनुसार हिरण्यकश्यप नाम का एक बहुत की क्रूर राजा था जो चाहता था की पूरी दुनिया उसे ही भगवान माने और उसकी पूजा करे। But उसका बेटा प्रह्लाद नारायण का परम भक्त था। जब प्रह्लाद को मारने की उसकी सारी कोशिश नाकाम हो गए तब हिरण्यकश्यप ने उसे खुद मारना चाहा। हिरण्यकश्यप को एक वरदान था जिस वजह से उसे मार पाना आसान नहीं था। अपने भक्त प्रह्लाद की रक्षा करने के लिए भगवान विष्णु ने नरसिंह का अवतार लिया और हिरण्यकश्यप का वध किया।

Vamana Avatar

प्रह्लाद का पोता राजा बलि एक बहुत बड़ा दानवीर था और उसे बहुत सारे वरदान भी मिले थे। उसकी पत्नी के एक बार उससे बोला की आप इन्द्र बन जाये और इस पूरी दुनिया पर राज करे। इसके लिए उसने शुक्राचार्य के साथ मिलकर 100 अश्वमेघ यज्ञ करने का decision लिया। 99 यज्ञ तो उसने पूरा कर लिया और 100वां यज्ञ जैसे ही पूरा करने वाला था तो भगवान विष्णु ने वामन अवतार धारण करके राजा बलि से 3 पग भूमि मांगी। पहले दो पग में वामन ने पूरी धरती और आकाश नाप लिया और तीसरे पग के लिए कोई जगह ही नही बची तो राजा बलि ने बोला की आप तीसरा पग मेरे सर पर रखे दे।

Parshuram Avatar

भगवान विष्णु शिवभक्त परशुराम के अवतार में भी अवतार लिया। इस अवतार में उन्होंने राजा प्रसेनजित की पुत्री रेणुका और भृगवंशीय जमदग्नि के पुत्र बनकर जन्म लिया । इस अवतार में उन्होंने क्षत्रियों के अहंकारी विध्वंश से संसार को बचाया ।

Ram Avatar

त्रेता युग ने भगवान विष्णु ने श्रीराम का अवतार लिया। श्रीराम के इस अवतार का मुख्त उद्देश्य इस दुनिया को रावण के आतंक से बचाने का था। सीताहरण भी श्रीराम के योजना का ही हिस्सा था। जब रावण ने माता सीता का हरण किया तो श्रीराम ने रावण को surrender करने के बहुत से मौके दिए लेकिन रावण अपने अहंकार के वजह से खुद को इस दुनिया का सबसे ताकतवर मानता था। श्रीराम ने रावण का वध करके उसे मुक्ति दी।

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Krishna Avatar

त्रेता के बाद भगवान विष्णु ने द्वापर में कृष्ण रूप में अवतार लिया। भगवान विष्णु के इस अवतार का मुख्य उद्देश्य राधा को उसके श्राप से मुक्त कराना, कंस का वध करना और धर्म की स्थापना के लिए महाभारत युद्ध में अर्जुन का सारथि बनना था।

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Buddha Avatar

गौतम बुद्ध को भगवान विष्णु का नौवा अवतार माना जाता है। भगवान बुद्ध ने इस दुनिया में अहिंसा को सबसे बड़ा हथियार माना और बौद्ध धर्म की स्थापना की।

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Kalki Avatar

अब तक भगवान विष्णु ने 9 अवतार लिए है और पुराणों के अनुसार भगवान विष्णु के 10वे अवतार का नाम कल्कि होगा। ये अवतार भगवान विष्णु का आखिरी अवतार होगा। इस अवतार में नारायण देवदत्त नाम के घोड़े पर सवार होकर अपने तलवार के बुरे काम करने वालो का अंत करेंगे। इस अवतार में भगवान विष्णु कलियुग के अंत में जन्म लेंगे और धरती के सभी पापियों का अंत करेंगे। कलियुग के आखिर में कलि का अंत करने के बाद इस दुनिया में फिर से सतयुग का आरम्भ होगा।

Dashavatar

Conclusion

जब जब इस धरती पर पाप बढ़ेगा तब तब जगतपिता नारायण अवतार लेकर इस धरती की रक्षा करने आएंगे। अपने Dashavatar में नारायण ने अब तक 9 अवतार लिए और उनके आखिरी अवतार का नाम कल्कि होगा जो की कलि का अंत करके कलियुग का अंत करेंगे और फिर से सतयुग की स्थापना होगी।

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