Hindu religion में कई सारे देवी देवता है but जो प्यार और सम्मान Radha Krishna को मिलता है वो किसी और देवी देवता को नहीं मिलता। Radha Krishna सबके प्रिय है। उनकी प्रेम कहानी हम सभी को inspire करती है। खुद महादेव भी Radha Krishna की पूजा करते है।
इन दोनों की पूजा एक साथ की जाती है। Radha Krishna के प्रेम कहानी से हमें काफी कुछ सीखने को मिलता है। इन दोनों ने बताया की प्रेम का मतलब सिर्फ पाना ही नहीं होता है बल्कि इसका सही मतलब त्याग करना होता है but क्या आप लोगो ने कभी ये सोचा है कि जब इनदोनो में इतना प्रेम था फिर भी इन्होने शादी क्यों नहीं की ? आज के इस blog में हम उन वजहों को जानने की कोशिश करेंगे जिस कारण इन दोनों का विवाह नहीं हो पाया था।
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Toggleक्यों नहीं हुआ Radha Krishna का विवाह?
हम सभी बचपन से राधा कृष्ण की प्रेम लीला सुनते और देखते आये है। इन दोनों की पूजा एक साथ करते आये है। जहाँ भी देखा राधा कृष्ण को एक साथ ही देखा। ऐसा नहीं था की श्रीकृष्ण और राधा एक दूसरे से शादी नहीं करना चाहते थे but इनकी शादी नहीं होने की कई सारे कारण बताये जाते है।
श्रीदामा का श्राप
श्रीदामा को श्रीकृष्ण का सबसे बड़ा भक्त माना जाता है। वह गोलोक में श्रीकृष्ण के साथ ही रहता था। एक बार जब वह श्रीकृष्ण की पूजा करने गया तो उसने देखा की राधा अपना झूठा भोजन कृष्ण को खिला रही थी। श्रीदामा पहले से राधा से इस बात को लेकर नाराज़ था की कई कृष्ण से पहले राधा का नाम लिया जाता है।
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उसे Radhe Krishna का जाप करना acceptable नहीं था। इसलिए गुस्से में आकर उसने राधा को श्राप दे दिया की वो 100 सालो तक श्रीकृष्ण से दूर पृथ्वीलोक में एक साधारण मानव के जैसे जीयेगी और श्रीकृष्ण को भूल जाएगी। श्रीदामा के श्राप से वजह से राधा को गोलोक त्याग कर पृथ्वीलोक आना पड़ा।
जब श्रीकृष्ण को ये बात पता चली तो उन्होंने श्रीदामा को कहा कि राधा के बिना वो भी गोलोक में नहीं रहेंगे। ये बात सुनते ही श्रीदामा को अपने गलती का एहसास हुआ और वो श्रीकृष्ण से माफ़ी मांगने लगा। तब कृष्ण ने श्रीदामा से कहा कि तुम्हे माफ़ी मांगने की कोई जरुरत नहीं है। तुम्हारे श्राप के वजह से पृथ्वी वासियो का कल्याण होगा।
इसके अलावा एक और कहानी है की एक बार श्रीकृष्ण अपने दोस्तों के साथ खेल रहे थे और राधा को जानबूझ कर ignore कर रहे थे। राधा को इस बात पे बहुत गुस्सा आया और वो श्रीकृष्ण पर चिल्लाने लगी। श्रीदामा को ये बात पसंद नहीं आई और उसने राधा को कृष्ण से अलग होने के लिए श्राप दे दिया।
Radha Krishna एक ही थे
कई सारी मान्यताओं के अनुसार राधा और कृष्ण दो अलग अलग इंसान नहीं बल्कि एक ही थे। राधा को श्रीकृष्ण की आत्मा कहा जाता है। शादी करने के लिए दो लोगो की जरुरत होती है but राधा कृष्ण तो एक ही है इसलिए इनदोनो की शादी नहीं हुई।
Rukmani भी थी एक वजह
ये तो हम जानते ही है कि श्रीकृष्ण भगवान विष्णु का अवतार है जिनका जन्म कंस को मारने के लिए हुआ था but रुक्मणि के बारे में बहुत कम लोग जानते है क़ि रुक्मिणी, माता लक्ष्मी का अवतार थी। रुक्मणि और श्रीकृष्ण की शादी भी इसी वजह से हुई थी क्योकि लक्ष्मी नारायण एक साथ थे।
इतना ही नहीं राधा को रुक्मणि की spiritual अवतार भी माना जाता है। ये बात श्रीकृष्ण को पता थी इसलिए उन्होंने सीधे तौर पर तो राधा से शादी नहीं की। रुक्मणि के रूप ने राधा से ही उनकी शादी हुई।
भगवान विष्णु का वरदान
पुराणों के अनुसार भगवान विष्णु का एक भक्त था जिसने अपने तपस्या से उन्हें खुश किया और future में माता लक्ष्मी के अवतार से शादी करने की इच्छा जताई। भगवान विष्णु ने को ये वरदान दे दिया और बोला की द्वापर युग में तुम्हारी शादी माता लक्ष्मी के अवतार से होगी। माता लक्ष्मी के 4 अवतार रुक्मणि, सत्यभामा, जाम्बवंती और राधा थी। इस वजह से राधा की शादी अयान से हुई थी।
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राधा वास्तव में थी ही नहीं
बहुत सारे लोगो को ऐसा लगता है की राधा वास्तव ने नहीं थी। किसी भी ancient scripture चाहे वो Shrimad Bhagavatam हो, Mahabharat हो या फिर Harivansham हो इसमें राधा का जिक्र कही नहीं है। Medieval era के एक scripture Acharya Nimbark और जयदेव के कविताओं में पहली बार राधा का जिक्र हुआ। ये भी कारण था जिस कारण इन दोनों की शादी नहीं हुई थी।
एक मान्यता ये भी हैं
गर्ग संहिता के अनुसार जब श्रीकृष्ण बचपन में नन्द बाबा की गोद में खेल रहे थे तभी उन्हें एक अद्भुत शक्ति का एहसास हुआ। ये शक्ति कोई और नहीं बल्कि राधा ही थी। उस समय श्रीकृष्ण तुरंत ही अपने बचपन को छोड़ adulthood में आ गए।
ऐसा माना जाता है कि सृष्टि के रचियता ब्रह्मा जी ने उसी समय इनदोनो की शादी करवा दी थी। शादी कराने के तुरंत बाद ही ब्रह्म जी वापस ब्रह्मलोक लौट गए। ये शादी राधा के सपने में हुई थी जिसे बाद में श्रीकृष्ण से उनकी यादो से मिटा दिया था।
Conclusion
राधा कृष्ण का रिश्ता इस संसार के मोह माया से परे था। उन्दोनो की शादी कभी नहीं ही but फिर भी उनदोनो का नाम एक साथ लिया जाता है। रुक्मणि उनकी पत्नी जरूर है लेकिन रुक्मणि के नाम से पहले राधा का नाम लिया जाता हैं। ऐसी कई सारी वजहें थी जिस कारण इन दोनों की शादी नहीं हो सकी।
राधा को बहुत पहले ही ये आभास हो गया था कि श्रीकृष्ण कोई आम इंसान नहीं है, जिस वजह से राधा कृष्ण को अपना देवता मानने लगी। हालाँकि इन दोनों की शादी सीधे तौर पर तो नहीं हुई। राधा को रुक्मणि का ही एक रूप माना जाता है और ये बात श्रीकृष्ण जानते थे इसलिए उन्होंने रुक्मणि से शादी की। अगर आपको ये blog पसंद आया हो तो comment के through हमें जरूर बताये।
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