Vidur Niti: दिल जीत लेते हैं ऐसे व्यवहार के लोग, हमेशा रखनी चाहिए इनसे मित्रता1 min read

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मनुष्य की पहचान उसके गुणों से होती है। इसी विचार को विदुर जी ने भी महाभारत के अपने नीति शास्त्र में स्पष्ट किया था। उन्होंने मानव जीवन के लिए विशेष गुणों का महत्व बताया। इन गुणों की सहायता से व्यक्ति सफलता की ओर अग्रसर होता है। पहला गुण है मधुर व्यवहार। एक मधुर व्यक्ति की विनम्रता और सजीवता उसे अन्यों के दिलों में विश्वास और स्नेह का स्रोत बनाती है।

दूसरा गुण है ज्ञान का दिखावा। ज्ञान का दिखावा न करने वाले व्यक्ति सद्भावना और विनम्रता से भरा होती है। तीसरा गुण है भरोसा। भरोसा एक संबंध को मजबूत बनाता है और लोगों को एक-दूसरे से जोड़ता है। चौथा गुण है ईर्ष्या का भाव। र्ष्या व्यक्ति के मन में द्वेष और असंतोष का कारण बनती है, जो उसके और दूसरों के बीच नेतृत्व और मित्रता को कमजोर करता है। ऐसे लोग समाज में अपने आत्मा को खोते हैं और अकेलापन का सामना करते हैं।

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Vidur Niti में बताए गए Important गुण

Well Behave

विदुर जी के उपदेशों में मधुर व्यवहार का महत्व विशेष रूप से उजागर है। एक मधुर व्यक्ति की विनम्रता और सजीवता उसे अन्यों के दिलों में विश्वास और स्नेह का स्रोत बनाती है। ऐसे व्यक्ति को अपने साथीयों और समाज के लोगों के प्रति समर्पितता की विशेष आदत होती है।

मधुर व्यक्ति सभी के साथ संवाद करते हैं और समस्याओं को समझने की क्षमता रखते हैं। उनका व्यवहार संवेदनशीलता और समझदारी से भरा होता है। इसके परिणामस्वरूप, लोग उन्हें अपनी समस्याओं और संदेशों के लिए पसंद करते हैं और उनके साथ उनकी सहायता के लिए उत्सुक होते हैं।

मधुर व्यक्ति संकट के समय भी अपनी सहायता प्रदान करते हैं। उनकी सकारात्मकता और उत्साह दूसरों को प्रेरित करते हैं और वे समस्याओं का समाधान खोजने में सहायक बनते हैं। उनकी मधुरता और संवेदनशीलता की वजह से, लोग अपनी परेशानियों को उनसे साझा करने को तैयार होते हैं, जिससे समाधान और सहायता की प्रक्रिया में सुगमता होती है।



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इस प्रकार, मधुर व्यवहार वाले व्यक्ति का सामाजिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण मजबूत होता है और वह समस्याओं का समाधान करने में अधिक सक्षम होता है। इसलिए, विदुर जी के उपदेशों में मधुर व्यवहार की महत्वपूर्ण भूमिका है, जो व्यक्ति को समृद्धि और समाज में समानता की दिशा में आगे बढ़ने में मदद करती है।

Vidur Niti के अनुसार ज्ञान का दिखावा न करे

ज्ञान का दिखावा न करने वाले व्यक्ति सद्भावना और विनम्रता से भरा होती है। ऐसे लोग स्वयं को बेहतर मानने की बजाय दूसरों के साथ समझदारी और समर्थन का सामना करते हैं। उनकी निष्ठा और विश्वासयोग्यता के कारण समाज में उन्हें सम्मान का पर्वत मिलता है।

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ऐसे व्यक्ति समय के साथ-साथ अपने ज्ञान का विस्तार करते हैं। वे धीरे-धीरे अपने अनुभवों और सीख से उत्तरदायित्वपूर्ण तरीके से निपटते हैं। इस प्रकार, उनका ज्ञान न केवल उन्हें स्वयं के लिए उपयोगी होता है, बल्कि वे अपने अनुभवों को दूसरों के साथ साझा करके समाज को भी उनके साथ साझा करते हैं।

इस विनम्र और नम्र व्यवहार के कारण, लोग उनसे प्रेरित होते हैं और उन्हें अपना मित्र मानते हैं। उनके साथी उन्हें अपने संदेशों और सुझावों की मान्यता देते हैं और इस प्रकार उनकी उपलब्धियों में सहायक होते हैं। इसलिए, समाज में ऐसे व्यक्तियों के साथ मित्रता बनाए रखना उत्तम होता है। उनका साथ रहना हमें सच्चे और सजीव मित्र बनाता है, जो हमें समृद्धि और सहयोग की दिशा में आगे बढ़ने में मदद करते हैं।



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भरोसेमंद

भरोसा एक संबंध को मजबूत बनाता है और लोगों को एक-दूसरे से जोड़ता है। यदि किसी व्यक्ति पर दूसरों का भरोसा है, तो वह उनके साथ विश्वासपूर्वक संवाद करता है और उनका साथ देता है। इससे न केवल व्यक्ति के भरोसे वाले व्यक्ति का साथ मिलता है, बल्कि समाज में उनका सम्मान भी बढ़ता है।

भरोसेमंद व्यक्ति संकट के समय में भी दूसरों के साथ सदैव सहानुभूति और सहायता का साथ देता है। उनके साथी उनके साथ खड़े होते हैं और उन्हें समस्याओं का समाधान ढूंढने में मदद करते हैं। भरोसेमंद व्यक्ति से अपने मन की बात साझा करने पर अच्छे सुझाव मिलते हैं। उनका समर्थन और सहानुभूति हमें संजीवनी देते हैं और हमें समस्याओं का समाधान ढूंढने में सहायक होते हैं। इस प्रकार, भरोसा व्यक्ति के और उसके समाज के बीच एक मजबूत बंधन बनाता है और उसे समाज में एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त होता है।

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ईर्ष्या का भाव न हो

विदुर जी ने अपने नीति शास्त्र में ईर्ष्या का भाव न रखने के महत्व को स्पष्ट किया है। ईर्ष्या व्यक्ति के मन में द्वेष और असंतोष का कारण बनती है, जो उसके और दूसरों के बीच नेतृत्व और मित्रता को कमजोर करता है। ऐसे लोग समाज में अपने आत्मा को खोते हैं और अकेलापन का सामना करते हैं।

ईर्ष्या का भाव न रखने वाले व्यक्ति से मित्रता रखना चाहिए क्योंकि वह सच्चाई और समर्थता के प्रति समर्पित होता है। वह दूसरों की सफलता और खुशियों में खुशी महसूस करता है और उनका समर्थन करता है। ऐसे व्यक्ति को समाज में हर कोई पसंद करता है क्योंकि उनकी सकारात्मक और सहानुभूति भरी व्यवहारिकता से सभी को प्रेरित करते हैं। इस प्रकार, विदुर जी के उपदेश के अनुसार, हमें ईर्ष्या का भाव न रखने वाले व्यक्ति से हमेशा मित्रता रखनी चाहिए ताकि हमारे और उनके बीच समृद्धि और सहयोग का माहौल बना रहे।

सबकी परवाह करने वाला व्यक्ति

सबकी परवाह करने वाले व्यक्ति जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं। उनका साथ हमें मानसिक और आत्मिक सहारा प्रदान करता है। आज के समय में जब लोग अपनी जिंदगी में इतनी व्यस्त हो गए हैं, तो सच्चे मित्रों की महत्वता और बढ़ चुकी है। सबकी परवाह करने वाले व्यक्ति आपके दुःख और सुख में साथ देते हैं। उनका समर्थन और संवेदनशीलता हमें अपनी मुश्किलों का सामना करने में सहायक होता है। उनकी संरक्षा और समर्थन से हमें आत्मविश्वास बढ़ता है और हम अपनी मंजिल की ओर बढ़ते हैं।

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ये व्यक्ति जीवन के हर मोड़ पर हमारा साथ देते हैं। चाहे वो हमारे खुशी के पल हों या गम के दिन। उनकी संगति से हमें सकारात्मकता और ऊर्जा मिलती है, जो हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है। इसलिए, हमें सदैव इन सच्चे मित्रों के साथ मित्रता बनाए रखना चाहिए। उनका साथ हमें जीवन की सभी मुश्किलों से निपटने में मदद करता है और हमें सफलता की ओर ले जाता है।

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